मेरा बेटा भयो निशाचर,
रात रात भर जागे,
उल्लू जैसा जीवन उसका,
दिन दिन भर है सोये।
लैपटॉप पर करे है खिटपिट,
हैडफोन पर चिट चिट,
कभी सोफा पर कभी कुर्सी पर,
करता सिर को पिट पिट।
घर मे कितने काम पड़े है,
करता रहता चिक चिक,
बड़ी मुश्किल से घर के काम,
को कर पाता है पिक पिक।
मम्मी बोले, पापा बोले,
बेटा सुमन्त तू सुन सुन,
लैपटॉप में खोया खोया,
क्यूं रहता तू गुमसुम।
बड़ी मुश्किल से रात में अपना,
जब लैपटॉप बंद करता है,
फिर मुस्का के धीरे से,
सबसे बातें वो करता है।
--सुमन्त शेखर।