गर्मी में पानी,
जब लाई है आंधी,
तब्दील हो गयी
नदी में नाली।
लगे समंदर
सा हर मंजर,
गली गली,
या शहर शहर।
मौसम ने बदला,
आज जो करवट,
गाड़ी में बैठ के,
बन जा केवट।
--सुमन्त शेखर।
मेरे ख्यालों के कुछ रंग मेरे भावो की अभिव्यक्ति है। जीवन में घटित होने वाली घटनायें कभी कभी प्रेरणा स्रोत का काम कर जाती है । यही प्रेरणा शब्दों के माध्यम से प्रस्फुटित होती है जिसे मैंने कविता के रूप सजाने का प्रयास किया है । आनंद लिजिये।
गर्मी में पानी,
जब लाई है आंधी,
तब्दील हो गयी
नदी में नाली।
लगे समंदर
सा हर मंजर,
गली गली,
या शहर शहर।
मौसम ने बदला,
आज जो करवट,
गाड़ी में बैठ के,
बन जा केवट।
--सुमन्त शेखर।
चल रहा था जंग,
आज फैसला हो गया,
हम जीत गए,
और मैं हार गया।
यूँ तो दर्द बहुत उट्ठा था,
मेरे सीने में,
हमारी जीत की खुशी में,
दर्द फिर से हार गया।
दिल रोता था आज मेरा,
तन्हा अकेले में,
साथियों के साथ ने,
फिर रोना भुला दिया।
--सुमन्त