हुनरबाजों का हमने हुनर है देखा,
भवंर से किश्ती को निकलते देखा,
खोई उम्मीद को जागते देखा,
अमावस में चांद निकलते देखा।
हाथों में करीने की सफाई देखी,
टूटे मशीनों की जुड़ाई देखी,
संभावनाओं की अनंत जहां देखी,
हौसलों की मुकम्मल उड़ान देखी।
--सुमन्त शेखर।
मेरे ख्यालों के कुछ रंग मेरे भावो की अभिव्यक्ति है। जीवन में घटित होने वाली घटनायें कभी कभी प्रेरणा स्रोत का काम कर जाती है । यही प्रेरणा शब्दों के माध्यम से प्रस्फुटित होती है जिसे मैंने कविता के रूप सजाने का प्रयास किया है । आनंद लिजिये।