बुधवार, 25 सितंबर 2019

बरसात

इन्द्रधनुष हुआ आच्छादित,
मेघों ने उसका संधान किया,
तड़ित वाणों से आपस मे मिलकर,
जोरो से गर्जन नाद किया,
आघातों को सह कर के फिर,
मेघों ने है बरसात किया।

काले काले बादल थे वो,
अहंकार में था नाद किया,
आपस मे लड़कर फिर मेघों में,
जल बूंदों में विस्तार किया,
नन्ही नन्ही बूंदों ने फिर,
वर्षा कर धरा का मार्ग लिया।
--सुमन्त शेखर

शनिवार, 7 सितंबर 2019

चंद्रयान

बेवकूफ हैं वो लोग,
जो कहते हैं कि,
चंद्रयान सफल नही हुआ,
विक्रम चांद पर उतर ना सका,
अरे ये विक्रम था,
जिसे देख कर चांद भी डर गया,
और उसे आगोश में छुपा लिया,
चांद को भी डर था विक्रम से,
आज रोवर के आया है,
कल इंसान ले आएगा,
फिर चांद पर रहने वाला इंसान,
करवाचौथ कैसे मनाएगा,
यहीं पर गलती कर गया है चांद,
इसरो को चुनौती दे बैठा है चांद,
सोचता है विक्रम को रोक दिया,
तो रुक जाएगा हिंदुस्तान,
लेकिन ऑर्बिटर के पाश में,
अभी बंधा हुआ है चांद,
अभी भी मौका है,
सुधर जा ऐ चांद,
विक्रम को इसरो से,
जुड़ जाने दे चांद।
-- सुमन्त शेखर