सोमवार, 30 मार्च 2020

डेवेलपर गाथा

कहीं मैनेजर सुनाता है,
कहीं डायरेक्टर डराता है,
डेवेलपर की परेशानी तो,
आर्किटेक्ट समझता है।

वो कोड ही कोड कैसा?
कि जिसमे बग ना रहता है।

कि कैसे कोड लिखना है,
कैसे डिज़ाइन करना है,
मेमोरी लीक की हरएक गुत्थी,
डेवेलपर समझता  है।

की टेस्टर और डेवेलपर की,
हमेशा जंग रहती है,
डेवेलपर की डिज़ाइन को,
टेस्टर बग बताता है।

मैनेजर तो फंसा रहता,
डिलेवरी कब की देनी है,
उधर बिलिंग का पंगा है,
इधर रिसोर्स अटका है।

डिरेक्टर और मैनेजर संग,
फिर आर्किटेक्ट बैठता है,
सबकी परेशानी को फिर अंततः
डेवेलपर ही सुलझाता है।
-सुमन्त शेखर