शनिवार, 27 अक्तूबर 2018

दर्द

दर्द कितना भी हो,
सीने में छुपाए रखना,
जब सामने दुनिया हो,
मुस्कान बनाए रखना,
दर्द हीरा है, दर्द मोती है,
आंखों से इन्हें मत छलकने देना,
तमाशबीन है लोग यहाँ,
खुद का तमाशा ना बनने देना,
मौकापरस्ती के इस दौर में,
खुद को यू सम्हाले रहना,
जैसे अंगारों पर चल के भी,
पैरो को हो बचाये रखना,
खुद की शख्शियत तुम्हारी,
इसे भीड़ में बचाये रखना,
दर्द कितना भी हो,
सीने में छुपाए रखना।
--सुमन्त