बुधवार, 7 जनवरी 2015

सवाल ?

तलाश रहा हुँ मैं खुद को 
जाने क्या मेरी पहचान है
कौन हुँ मैं क्या ध्येय है मेरा 
सबसे बड़ा सवाल है ?
जीवन के अंधेर डगर पर 
किस मंजिल तक मुझे जाना है 
क्या खोना है,क्या पाना है 
कब तक धक्के खाना है ?
उलझी है ये डोर जगत की 
कैसे इसे सुलझाना है 
सोच रहा हुँ मै मुसाफिर 
कितनी दुर अभी जाना है ?

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