शनिवार, 28 नवंबर 2020

।।निज व्यथा कथा।।

उलझा हुआ हूँ खुद में आज मै,
कैसे बाहर आऊं,
जीवन की यह अबूझ पहेली,
कैसे मै सुलझाऊँ।
डेडलाइन की विकट समस्या,
स्प्रिंट में बतलाऊँ,
माइल स्टोन के चक्कर मे,
मैं खुद ही फंस जाऊं।
अरे छुट्टी फुट्टी भूल जा भईया,
अब काहे आफिस जाऊं,
अब घर से ही है काम जे करना,
छुट्टी ना ले पाऊँ।
अब आया है समय रे भईया,
काम जो कुछ कर जाऊं,
घर परिवार मित्र और खुद को,
थोड़ा समय दे पाऊँ।
-सुमन्त शेखर

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