अपनी ही शादी में
जब दुल्हा था गायब
भेज दिया उसने
कुरता बदले में अपने।
चली जब दुल्हन लेने फेरे
कुरता था लटका टँगने संग अपने
दूल्हा का भाई था कुरते को पकडे
मानता था हर बात पंडित जो कह दे।
पैदा हुआ भ्रम अब मेरे मन में
कौन था दूल्हा इस दुल्हन का यहाँ पर
कुरता था जिसका या जो था कुरते संग
कोई तो यारो अब दुर करो मेरा भ्रम।
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