आज फिर कुछ पोधे लगाए है हमने
सींचा भी है जड़ो को उनकी
कुछ वर्षो में पोधे से पेड़ बनेंगे
उनमे फिर जब फल आएंगे
शाखें निचे झुक जाएँगी
पर स्थिरता इनकी कम न होगी
आता है जब आंधी तुफान
करते सब उनका सम्मान
जो रहता खड़ा अहंकार में अपने
मूल समेत उखड़ जाता वो जड़ से
सिख बहुत कुछ मिलती है इनसे
रहो स्थिर सदा सुख दुःख में
परोपकार का भाव हो मन में
सबको एक बराबर समझो
अहंकार के न साथ खड़े हो
सेवा करना परम धेय्य हो
पग जमीन पर सदा टीके हों।
सींचा भी है जड़ो को उनकी
कुछ वर्षो में पोधे से पेड़ बनेंगे
उनमे फिर जब फल आएंगे
शाखें निचे झुक जाएँगी
पर स्थिरता इनकी कम न होगी
आता है जब आंधी तुफान
करते सब उनका सम्मान
जो रहता खड़ा अहंकार में अपने
मूल समेत उखड़ जाता वो जड़ से
सिख बहुत कुछ मिलती है इनसे
रहो स्थिर सदा सुख दुःख में
परोपकार का भाव हो मन में
सबको एक बराबर समझो
अहंकार के न साथ खड़े हो
सेवा करना परम धेय्य हो
पग जमीन पर सदा टीके हों।
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