मेरे ख्यालों के कुछ रंग मेरे भावो की अभिव्यक्ति है। जीवन में घटित होने वाली घटनायें कभी कभी प्रेरणा स्रोत का काम कर जाती है । यही प्रेरणा शब्दों के माध्यम से प्रस्फुटित होती है जिसे मैंने कविता के रूप सजाने का प्रयास किया है । आनंद लिजिये।
मंगलवार, 26 सितंबर 2017
तरकश
तरकश में तीर अभी और भी हैं,
कितने जख्म खाओगे तुम,
कुछ कतरे खून के बचा लो अभी,
लौट के घर को जाओगे तुम।
--सुमन्त शेखर।
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