मेरे ख्यालों के कुछ रंग मेरे भावो की अभिव्यक्ति है। जीवन में घटित होने वाली घटनायें कभी कभी प्रेरणा स्रोत का काम कर जाती है । यही प्रेरणा शब्दों के माध्यम से प्रस्फुटित होती है जिसे मैंने कविता के रूप सजाने का प्रयास किया है । आनंद लिजिये।
मंगलवार, 14 अगस्त 2018
दुराहा
फिर से आज दुराहा है,
जाने कौन छलावा है,
असमंजस ने उलझाया है,
किस राह हमें अब जाना है।
चिंतन का ये विषय गहन है,
प्रारब्ध स्वयं में अति प्रबल है,
किस ओर हमे यह खिंचेगा,
क्या इस रण से अब तू जीतेगा?
-- सुमन्त
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