शनिवार, 4 अक्तूबर 2014

ख़्वाब नए नए

आँखों में पल रहे है 
अब ख़्वाब नए नए 
हर ख़्वाब को पाने के
है रास्ते नए नए। 

चल पड़ा हु मै भी अब तो 
नए रास्ते की तलाश में 
क्या पता मिलजाए मंजिल 
यही कही पास में। 

है रास्ता नया 
चुनौतियां नयी 
विविधताओं से भरा 
अनजाना रास्ता। 

हर पड़ाव में मिलेंगे 
मुसाफिर नए नए 
सब देते जायेंगे हमको 
अपने अनुभव अच्छे बुरे।

करना है अब हमको मेहनत 
पहले से कही ज्यादा 
तभी मिल पायेगा हमे 
हर ख़्वाब आँखों में पलता। 

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