बुधवार, 26 फ़रवरी 2014

मेरा परिचय

ना अख्तर हूँ ना मैं गुलजार
मुक्तक लिखने को हूँ तैयार 
सुमन्त शेखर नाम है मेरा 
वेब डेवलपमेंट काम है मेरा  
बना कर अपने शब्दो की हाला 
प्रस्तुत है छंदो का प्याला

1 टिप्पणी:

  1. एक ईमानदार आईना
    एक कर्त्तव्यनिस्ठ ख़िदमतगार
    हो तुम
    किसी और की
    अस्मिता की
    क्या मुफ़लिसी तुमको
    खुद मैं
    कुछ ख़ास हो तुम
    इक सुन्दर एहसास
    हो तुम। …।

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