शुक्रवार, 15 मई 2015

मेरा पड़ोसी

मेरा एक पड़ोसी ऐसा था 
मानो वह मुझसे जलता था 
औरो की तारीफें करता 
मुझको निचा खुब दिखाता 
फलना के लड़के को देखो 
है पढ़ता रहता दिनभर वो 
चिलना के बच्चे को देखो 
किया टॉप है उसने देखो 
अपने बच्चे की ना कहता 
पोल खुलेगी उससे देखो 
मै क्या हुँ करता कहा को जाता 
आँख उसी पे वो रखे रहता 
मुझको अक्सर वो ताने देता 
मै भी उससे खार था खाता 

पर इसका था एक और भी पहलु 
था मेरा पडोसी मेरा शुभचिंतक 
उसने भी मुझको राह दिखाया 
था उत्प्रेरक का किरदार निभाया 
चुनौतियों से परिचय करवाया 
पड़ोसी का उसने धर्म निभाया 
जो मुझको उसने था दर्पण दिखलाया 
करता हूँ अभिवादन मै उनका। 

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