शनिवार, 9 मई 2015

ये दुनिया

ये दुनिया बड़ी ही जालिम है 
कुछ भी कर लो तुम मगर ये 
सपने बड़ी दिखती है 
कितने भी संतुष्ठ रहो पर 
ये नीचा तुम्हे दिखती है 
और भी ज्यादा पाने की ललक 
हममे सदा जागती है 
शान्त कभी रहने ना दे ये 
नये सपनो में हमे फसाती है 
ये दुनिया बड़ी ही जालिम है 
ये दुनिया बड़ी ही जालिम है |

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