रविवार, 10 मई 2015

घर से बाहर

आते जाते हम बस में अक्सर
खिड़की से बाहर तकते है 
खाने पीने के हर दुकानो को 
यूँ ही रिकॉर्ड है रखते हम 
कहा मिलेगा समोसा अच्छा 
कहा मिलेगा लिट्टी चोखा 
कहा मिलेगा रात का खाना 
कहा पर हमको है भुख मिटाना 
हर बात का लेखा रखते है हम 
जब घर से बाहर रहते है हम |

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