रविवार, 9 मार्च 2014

मतदान

चुनाव का शंखनाद से 
लोकतंत्र का महापर्व का 
हो गया आरम्भ 

जुटने लगी जनता के पास 
जनप्रतिनिधिओं की भीड़ 
वोट दो हमें वोट दो 
मांग रहे है भीख 

पांच साल में एक बार ही 
अपनी शक्ल दिखाते 
चुनावों में जीतने के बाद 
मतदाता को भूल जाते 

सड़के खस्ताहाल है रहती 
रेलवे की भी किराये बढ़ती 
महंगाई है आसमान को छूती 
अर्थब्यवस्था गर्त में डूबती 

जो करेगा देश में विकास 
जिस पर हम कर सके विश्वास 
पांच साल जो टिक सके सरकार 
उसको वोट मिलेगा आज 

लोकतंत्र के महापर्व में 
सब होंगे सहभागी 
तैयार हो जाओ ए देशवासी 
अब आई है वोट देने की बारी 

वोट है जनता का अधिकार 
जनता समझ चुकी है आज 
उसे लोकतंत्र का है पुरा ज्ञान 
लोग करेंगे खुलकर मतदान

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