रंगों का त्योहार है आया
खेलो जम के होली रे
छुटेगी फुहार सभी की
हसी खुशी ठिठोली रे
होलीका का हवन जलाकर
पिचकारी से धार चला कर
भांग का प्रसाद खिला कर
खेले होली सब मिलजुल कर
रंगबिरंगे सब के चेहरे
अबीर गुलाल है सब ने खेले
कुछ है सुखे कुछ के गीले
रंजो गम आपस के भुले
अलग अलग पकवान बने है
सबसे मिलने लोग चले है
होली का ये मिलन अनूठा
बैर भाव भुल, प्यार से मीठा
रंग होली के जीवन में भर लो
हर भाव समाहित खुद में कर लो
स्नेह समर्पण का ये त्योहार
खेलो होली सब हर साल
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