बुधवार, 10 दिसंबर 2014

क्रिसमस और नया साल

​​वही जमीन है 
वही आसमान है 
मेरे चारो ओर सबकुछ वही है 
फिर भी कुछ बदल सा गया है

चारो तरफ लोगो को देखो 
किसी उधेड़बुन में रहने लगे है 
कोई सांता बनता कोई तारे बनाता 
जैसे क्रिसमस का तयोहार हो आता 

अरे ये महीना कौन सा है
लो ये तो दिसंबर आ गया है 
तभी तो कहु ठण्ड क्यों लग रही है 
क्रिसमस और नया साल आ गया है 

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