अब कुछ घड़ियाँ और बची है
नए साल के आने में
याद करो सब क्या खोया -पाया
बीत गए ज़माने में
कुछ अच्छा पाया
कुछ हमने किया ख़राब
सोचो क्या करना है अब
भुल जाओ कल का हिसाब
फैला दो नयनो की चादर
करो स्वागत सहर्ष उल्लास
मधुर रहे ये पावन नववर्ष
समृद्ध करे यह जीवन हरपल
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