कि जीता है हर इंसान आज में
फिर भी सोच रहा है कल की
कितना भी कच्चा हो जग में
पर बिसात बिछाता है वो पक्की
जुझता है आज से
चाहें कितना भी हो मुश्किल
चाह यही है दिल में
कि हर ख़्वाब हो जाये मुमकिन
लिए ख़्वाब इन आँखों में
हमने भी यही चाहा है
कितनी भी मुश्किल हो आज
कल का दिन हमारा है
यूँ तो कल नहीं आता है
इक मंजिल सा दे जाता है
मंजिल को पाने की जिद में
हर इंसान आज को जीता है
फिर भी सोच रहा है कल की
कितना भी कच्चा हो जग में
पर बिसात बिछाता है वो पक्की
जुझता है आज से
चाहें कितना भी हो मुश्किल
चाह यही है दिल में
कि हर ख़्वाब हो जाये मुमकिन
लिए ख़्वाब इन आँखों में
हमने भी यही चाहा है
कितनी भी मुश्किल हो आज
कल का दिन हमारा है
यूँ तो कल नहीं आता है
इक मंजिल सा दे जाता है
मंजिल को पाने की जिद में
हर इंसान आज को जीता है
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